Digitales Logo

follow us

 > Industry Insights  > खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता से होगा देश मजबूत

खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता से होगा देश मजबूत

पिछले कुछ वर्षों में कई घरेलू ब्रांड्स ने खाद्य तेलों के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनायी है।  मुंबई आधारित व्यापारिक ग्रुप के बी प्रोडक्ट्स द्वारा बनाया गया नाकोडा भी एक ऐसा ही ब्रांड है जो अपनी गुणवत्ता के लिए पहचाना जाता है।  हमने नमन कुमार जैन, ऑपरेशंस हेड, के बी प्रोडक्ट्स से उनके कारोबार के विषय में विस्तार से चर्चा की।

प्रस्तुत है उसी बातचीत के कुछ चुनिंदा अंश –

 

प्रश्न १ : कोरोना कोहराम के चलते पूरी दुनिया के कारोबार को धक्का पहुंचा है ।  होटल और रेस्टॉरेंट लम्बे समय से बंद हैं।  क्या आप भी इस मंदी कीचपेट में आये हैं ?

उत्तर १ : कोरोना ने सारे व्यापारिक समीकरण बदल कर रख दिए हैं।  हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जिसमें होटल और रेस्तरां लम्बे समय से बंद चल रहे है।  इस वजह से सभी प्रमुख उपभोक्ता क्षेत्रों में खाद्य तेलों की मांग घट गई है।  हम उम्मीद करते हैं कि यह सच साबित न हो लेकिन हमें आशंका है कि आने वाले कुछ महीनों में इनके दाम बहुत नीचे जा सकते हैं। यह समस्या केवल एक-दो देशों की ही नहीं है।  पूरी दुनिया ही एक आपातकालीन स्थिति से गुजर रही है जिसमें उपभोग प्रभावित होता है। इसके परिणामस्वरूप बायोडीजल और खाद्य तेल दोनों ही क्षेत्रों की ओर से खाद्य तेल की मांग 30 प्रतिशत तक कम चुकी है।

संकट तो हमारे ऊपर काफी गहरा है लेकिन उसके बावजूद हमने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान उद्योग ने खाद्य तेल की आपूर्ति को व्यवस्थित बनाए रखा जो सस्ती दामों पर बगैर किसी रुकावट के जारी रही। लेकिन होटल, रेस्तरां आदि बंद होने के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान वनस्पति तेल की मासिक मांग औसतन 20 लाख टन से 30 प्रतिशत तक गिरकर 14 लाख टन रह गई। पूरी दुनिया में फैल चुकी कोविड-19 महामारी ने देश भर में ब्रांडेड तेल की खपत को नुकसान पहुंचाया है। यह ऐसे हालात हैं जिनमें आप कुछ ख़ास नहीं कर सकते सिवाय इस उम्मीद के कि जल्द ही दुनिया वापस पुराने दौर में लौट जायेगी और हम नुकसान की भरपाई कर सकेंगे।

 

प्रश्न २: बाजार में बिक रहा खुला खाद्य तेल भी एक चिंता का विषय है। इस बारे में क्या आपने सरकार से कोई शिकायत की है ?

उत्तर २: यह न सिर्फ हमारे लिए बल्कि उपभक्ताओं के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है।  हालांकि कुछ प्रमुख कंपनियों ने तेल का छोटा पैकेट उतारा है, लेकिन वो बहुत कारगर साबित नहीं हुए हैं।  हाल ही में केंद्र सरकार ने खुदरा कारोबारियों द्वारा खुले खाद्य तेल की बिक्री को रोकने के लिए राज्यों को कानून का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। सरकार ने हमें यह भरोसा दिलाया है कि वो संबंधित अधिकारियों को निर्देश देगी कि वे खाद्य तेल को पहले से पैकिंग किए गए जिस के रूप में बिक्री सुनिश्चित करें। इसकी बिक्री निर्धारित तरीके से हो, खुले रूप में बिक्री न हो और ग्राहकों को वो ही उत्पाद मिलें जो उनके स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव न डालें।

 

प्रश्न ३ : आने वाले समय में खाद्य तेलों के बाजार में आप किस तरह का बदलाव देख रहे हैं?

उत्तर ३ : भारत हर साल अपनी खाद्य तेलों की जरूरत का बड़ा हिस्सा आयात के जरिये पूरा करता है. देश में हर साल करीब 1.5 करोड़ टन खाद्य तेलों का आयात होता है. इसके चलते हर साल करीब 70,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. देश में हर साल करीब ढाई करोड़ टन के आस पास खाने की तेल की खपत होती है।

भारत में तेल की कुल खपत का 56 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है।  बीते कुछ समय से वनस्पति तेल से जैव ईंधन बनाने पर काफी जोर दिया जा रहा हैऔर ये खाने के तेल की बढ़ती कीमतों की एक बड़ी वजह है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बावजूद बीते एक साल में खाने के तेल की वैश्विक मांग में भीबढ़ोतरी हुई है। आने वाले समय में इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता ही आम आदमी की जेब पर बढ़ते बोझ को कम करेगी।  सरकार इस दिशा में कुछ ठोस नीतियांबना रही है जिसके सुखद परिणाम जल्द ही देखने को मिल सकते हैं।

 

प्रश्न ४ : क्या इन योजनाओं के विषय में आप को कुछ पुख्ता जानकारी है ?

उत्तर ४ : सरकार ने पहले ही एक राष्ट्रीय तेल बीज मिशन शुरू करने के लिए सचिवों के एक समूह (GoS) का गठन किया है. इस मिशन को पूरा करने के लिएपैसे से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेल के आयात पर 2-10 फीसदी तक सेस लगा सकती है. इससे पहले सरकार नेइस मिशन को पांच साल तक आर्थिक मदद देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया था. सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उद्योगों परसेस के जरिये पैसा जुटाने की योजना बना रही है.

 

प्रश्न ५ : अगर खुदरा कारोबार की बात की जाए तो आने वाले समय में आप की क्या योजनाएं हैं?

उत्तर ५ : हम नाकोडा को एक विश्वसनीय ब्रांड के रूप में घर घर तक पहुंचाना चाह रहे हैं।  हमारे योजना है कि हमारे सभी उत्पाद अपनी गुणवत्ता के लिए सराहेजायें और इसके लिए हम उत्पादन और विपणन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।